Waqt

वक्त गुजार रहा हूं.. इस होम क्वारंटाइन के दौर में...
कमरें में बंद हूं... वक्त भाग रहा है इन ओॉफिस के कॉल्स में..
खाना पिना टाईम पे कर रहा हूं.. ऐसा लग्ने लगा है घर में हूं या होटेल में...
परिवार वाले और दोस्तों से रोज बातें कर्ता हूं... वाट्सप व  झूम के बगैर चला जाना या डिप्रेशन में.. 

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